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सोमवार, 9 नवंबर 2020

ट्रैक में गड़बड़ी हुई तो लोको पायलट को मिल जाएगी जानकारी; ऑटोमेटिक रेल ट्रैक फ्रैक्चर डिटेक्शन सिस्टम लगेगा

508 किमी हाई स्पीड रेल अहमदाबाद-मुंबई रूट के स्टैंडर्ड गेज ट्रैक पर 320 किमी प्रति घंटे रफ्तार से दौड़ने वाली बुलेट ट्रेन के सुरक्षित परिचालन और किसी भी तरह की रेल दुर्घटनाओं को रोकने के लिए जापान बुलेट ट्रेन की ऑटोमेटिक रेल ट्रैक फ्रैक्चर डिटेक्शन प्रणाली का इस्तेमाल होगा। यह प्रणाली रेल पटरियों के माध्यम से विद्युत नियंत्रण सर्किट का उपयोग करेगी।

यह नियंत्रण सर्किट समय रहते पटरियों पर रेल फ्रैक्चर की पहचान करने में मददगार होगी। इससे नियमित निरीक्षण के लिए सैकड़ों मैन पावर और समय की बचत करेगी। रेक के प्रत्येक कोच को किसी भी प्रकार की आग से बचाने को फायर रेटेड स्लाइडिंग डोर लगाए जाएंगे, जिससे आग लगने वाले हिस्सों को समय रहते नियंत्रित किया जा सकेगा और प्रत्येक कोच को पर्याप्त संख्या में अग्निशामक यंत्र उपलब्ध कराए जाएंगे।

महाराष्ट्र को छोड़ गुजरात के हिस्से में काम शुरू

परियोजना के सी -4 पॅकेज के वडोदरा-सूरत-वापी के बीच 237 किमी के 46 प्रतिशत हिस्से के निर्माण का ठेका लार्सन एंड टुब्रो (एलएनटी) को मिलने के बाद हाल ही में इसके सी -6 पॅकेज के वडोदरा से अहमदाबाद के बीच 88 किमी का निर्माण का ठेका भी एल एण्ड टी को दे दिया गया है।

सी 4 और सी 6 पॅकेज को मिलाकर अब यह परियोजना देश का सबसे बड़ा इंफ्रा प्रोजेक्ट बन गया है। इससे पहले सी-4 पॅकेज में एलएनटी को ही 24985 करोड़ का ठेका दिया था, जबकि सी 6 पॅकेज में 7289 करोड़ का ठेका एलएनटी को दे दिया गया है। जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (ज़ीका ) द्वारा फाइनेंस किया जाएगा।

ये कार्य होंगे सी-6 पॅकेज में
6 पॅकेज में वडोदरा से अहमदाबाद के बीच सिविल वर्क का डिजाइन कंस्ट्रक्शन,हाई स्पीड डबल लाइन (87.5), 25 क्रासिंग ब्रिज 97.5 किमी पैरेलल ब्रिज, मेंटेनेंस डिपो, समेत अन्य इंजीनियरिंग कार्य करने हैं। जबकि पैकेज सी 4 निर्माण में परियोजना का कुल 46.66% हिस्सा शामिल है, जिसकी लंबाई 237 किमी की है।

इस हिस्से में हाई स्पीड रेल कॉरिडोर का पॅकेज सी 4 निर्माण में 237 किमी में सिविल और बिल्डिंग वर्क्स का डिजाइन और निर्माण, जिसमें टेस्टिंग और कमीशनिंग शामिल है, बुलेट ट्रेन के लिए डबल लाइन ब्रिज, मेन्टेनेंस डिपो(सूरत), टनल, स्टेशन (वापी, बिलिमोरा, सूरत और भरूच) का काम किया जाएगा।



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सी 4 और सी 6 पॅकेज को मिलाकर अब यह परियोजना देश का सबसे बड़ा इंफ्रा प्रोजेक्ट बन गया है।


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