होम लोन, कार लोन पर मोरेटोरियम का लाभ लेना क्यों अच्छा आइडिया नहीं है? तीन महीने किस्त नहीं भरी तो लोन की अवधि एक साल बढ़ जाएगी - News in hindi

Breaking

Home Top Ad

Responsive Ads Here

Post Top Ad

Responsive Ads Here

रविवार, 13 सितंबर 2020

होम लोन, कार लोन पर मोरेटोरियम का लाभ लेना क्यों अच्छा आइडिया नहीं है? तीन महीने किस्त नहीं भरी तो लोन की अवधि एक साल बढ़ जाएगी

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद लोन मोरेटोरियम 28 सितंबर तक बढ़ गया है। यानी 28 सितंबर तक आपने यदि अपने होम लोन और कार लोन पर किस्त नहीं चुकाई तो इससे आपकी आर्थिक सेहत यानी क्रेडिट स्कोर बेअसर रहेगा। किस्त न चुकाने पर कोई बैंक लोन को नॉन परफॉर्मिंग असेट (एनपीए) में नहीं डाल सकेंगे।

अब इससे कई लोगों के सवाल आ रहे हैं कि यह फायदेमंद होगा या नहीं? क्या मोरेटोरियम का लाभ उठाकर वे इस पैसे का कहीं और इस्तेमाल कर सकते हैं? इस पर हमने पूरा मसला समझने की कोशिश की, और यह भी जाना कि आपके फायदे में क्या रहने वाला है?

सबसे पहले, समझ लीजिए कि क्या है मोरेटोरियम?

  • कोरोना के बाद लॉकडाउन हुआ। काम-धंधे बंद हो गए। कई लोगों की नौकरियां चली गईं। ऐसे में लोन की किस्तें चुका पाना मुश्किल हो गया। तब रिजर्व बैंक ने लोन मोरेटोरियम की सहूलियत दी थी। यानी लोन पर किस्तें टाल दी गई थी।
  • आरबीआई ने पहले 31 मई 2020 तक सभी टर्म लोन्स पर किस्तों पर मोरेटोरियम दिया और फिर इस अवधि को तीन महीने और बढ़ाकर 31 अगस्त कर दिया था। यानी छह महीनों तक किस्त नहीं चुकाई तो भी क्रेडिट स्कोर बेअसर रहेगा।
  • अगस्त में रिजर्व बैंक ने मोरेटोरियम को और बढ़ाने से इनकार कर दिया। साथ ही कहा कि यदि अब भी किसी को दिक्कत है तो वह लोन रिस्ट्रक्चर करा सकता है। बैंकों को भी इसके लिए छूट दे दी। ताकि नए सिरे से किस्त चुकाने की प्रक्रिया तय हो सके।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या फैसला सुनाया और क्यों?

  • मोरेटोरियम पर एक विवाद था। किसी लोन पर मोरेटोरियम का लाभ लेते हुए किस्त नहीं चुकाई तो उस अवधि का ब्याज मूलधन में जुड़ जाएगा। यानी अब मूलधन+ब्याज पर ब्याज लगेगा। इसी ब्याज पर ब्याज का मसला सुप्रीम कोर्ट में है।
  • सुप्रीम कोर्ट में एक और राहत मांगी गई है। याचिका में कहा गया है कि अब भी हालात सुधरे नहीं है। ऐसे में मोरेटोरियम को बढ़ाया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने इन दलीलों को सुनने के बाद ही 28 सितंबर तक मोरेटोरियम को बढ़ा दिया है।
  • केंद्र सरकार को दो हफ्ते में राहत का नया फार्मूला सुझाने को भी कहा है। इसके लिए राजीव महर्षि की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई है। यह बैंकों के साथ-साथ संबंधित पक्षों से बातचीत कर अपने सुझाव केंद्र सरकार को देगी।

क्या मोरेटोरियम का फायदा उठाना सही है?

  • बैंक बाजार के सीईओ आदिल शेट्टी का कहना है कि यदि आपको कोरोना की वजह से बहुत ज्यादा तकलीफ हुई है तो यह आपके लिए राहत है। लेकिन कर्जदारों को ध्यान में रखना चाहिए कि मोरेटोरियम का लाभ उठाने से बकाया राशि पर ब्याज लगता रहेगा।
  • शेट्टी के मुताबिक, तीन महीने आपने किस्त नहीं चुकाई तो आपकी लोन चुकाने की अवधि एक साल बढ़ जाएगी। यानी यदि आपने 15 साल के लिए लोन लिया था और तीन महीने किस्त नहीं चुकाई तो अब लोन 16 साल चलता रहेगा।
  • उनका सुझाव है कि यदि आपका लोन शुरुआती दौर में है तो आपके लिए आज की राहत कल की परेशानी बन जाएगी। ऐसे में यदि आपके पास किस्त चुकाने के सभी रास्ते खत्म हो गए हैं तभी आप मोरेटोरियम का लाभ उठाएं, वरना नहीं।

तो क्या आरबीआई ने कोई राहत नहीं दी?

  • ऐसा कहना गलत होगा। आरबीआई ने लोन को रिस्ट्रक्चर करने की अनुमति सभी बैंकों को दी है। लेकिन यह भी कहा है कि जिन लोन पर कोविड-19 की वजह से प्रभाव पड़ा है, उन्हें ही दो साल की अवधि बढ़ाकर रीस्ट्रक्चरिंग की अनुमति दी जाएगी।
  • कॉर्पोरेट लोन्स को लेकर रिजर्व बैंक ने आईसीआईसीआई बैंक के पूर्व चेयरमैन केवी कामथ की अध्यक्षता में कमेटी बनाई थी ताकि कर्जदारों को रीस्ट्रक्चरिंग का लाभ देने के लिए शर्तें तय की जा सके।
  • कोविड से 15.52 लाख करोड़ रुपए का कर्ज तनाव में है। करीब 22.20 लाख करोड़ रुपए का कर्ज पहले ही एनपीए में जाने की नौबत थी। यानी बैंकों ने जितना लोन दिया है, उसमें भी 72 प्रतिशत खराब लोन की श्रेणी मे जा रहा है।

कामथ कमेटी की रिपोर्ट ने क्या सुझाया है?

  • आईसीआईसीआई डायरेक्ट रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार कमेटी ने 26 सेक्टरों की पहचान की है, जिनके लोन पर कोविड-19 का सबसे ज्यादा असर पड़ा है। इनके लोन को रीस्ट्रक्चर करने के लिए विस्तृत प्लान बनाकर सौंपा है।
  • इस एक्सपर्ट कमेटी ने हर सेक्टर के लिए कॉर्पोरेट से संबंधी रेशो की लिमिट तय की है, जैसे- ईबीआईडीटीए, डीएससीआर, करेंट रेश्यो, एडीएससीआर आदि। यह कंपनियों की कमाई और लाभ से ताल्लुक रखते हैं।
  • रिसर्च रिपोर्ट का कहना है कि इन 26 सेक्टरों को कुल 37 लाख करोड़ रुपए के लोन दिए हैं, उसमें से 15-20% की रेंज में लोन रिस्ट्रक्चर हो सकते हैं। यह कदम बैंकिंग सेक्टर के लिए भी अच्छा है, वरना ज्यादातर लोन एनपीए में डालने की नौबत आती।


आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
RBI EMI Moratorium Extended; Loan Moratorium News Today Update | Know How Loan Moratorium Will Impact Your Home Loan, Car Loan EMIs? All You Need To Know


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3miDGAT https://ift.tt/3k7sc1e

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Post Bottom Ad

Responsive Ads Here

Pages